रोइ सके,कराइ सके
पाए आफुलाई हराई सके
अत्ती सके म मात्ती सके
मातिएर फेरी आत्ती सके
बिचल्ली सके रुमल्ली सके
सडक किइनारा म धल्ली सके
लत्ती सके म बत्ती सके
जिवन सँग म आत्ती सके
जली सके म निभी सके
खरानी भ्है म उद्दी सके
जमी सके म चिस्सी सके
ब्ताश सँगइ म मिस्सी सके
अनयाशै आफु कापी सके
हो! के यो सत्य हो
यही झुतो सत्य,
म हासी सके
I will ali i will.
3 weeks ago
i love ur poem sathi..... looking for more!!!
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